उत्तराखंड-वैसे तो मौसम विभाग के अनुमान के बाद आने वाला अलर्ट सभी की चिंता को बढ़ाता है। लेकिन इस बार यह अलर्ट सभी के चेहरों पर ख़ुशी लेकर आया है। आपको बता दें। मौसम विभाग ने 29 फरवरी को अपनी रिपोर्ट में 1 से 3 मार्च तक पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ़बारी और मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि होने कि भी बात कही है।
वहीं शीत महीनों में उत्तराखंड के सभी पर्वतीय क्षेत्रों में के साथ ठंडी हवाओं से मौसम में ताज़गी बनी रही, जिसके बाद बर्फबारी भी देखने को मिली। इस वर्ष हर वर्ष की तरह बर्फबारी नहीं हुई लेकिन जितनी बर्फबारी पर्वतीय क्षेत्रों में देखने को मिली वो सभी पर्यटकों की आकांक्षाओं के लिए पर्याप्त रही। बताते चले जनवरी और फ़रवरी जैसे महीने पूरे होने के बाद मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया। यह अलर्ट सभी के चेहरों में दोबारा ख़ुशी लेकर आया है। बात करें मौसम को लेकर मौसम विभाग की तो मौसम विभाग ने बर्फ़बारी के साथ मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश और ओलावृष्टि हेतु भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 2 मार्च को उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश/बर्फबारी और ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले चार दिनों के लिए जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर मौसम का रुख बदल सकता है। उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर जिलों में भारी बारिश और पहाड़ों पर बर्फबारी की संभावना व्यक्त की गई है।
पिछले कुछ दिनों में उच्चाशय क्षेत्रों में हुई बर्फ़बारी से बर्फबारी के चलते गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धराली के पास बंद हो गया था। इसके साथ ही हर्षिल घाटी के तीन ग्रामीण मार्गों पर भी बर्फबारी से यातायात बंद रहा। उत्तराखंड उप्परि क्षेत्रों में हलकी से माध्यम बर्फ़बारी का दौर जारी है। चारों धामों में पहाड़ियां बर्फ के आलिंगन में नज़र आ रही हैं। रुद्रप्रयाग में चोपता, मद्महेश्वर घटी, कालीमठ घाटी और केदारघाटी की पहाड़ियों में हिमपात हुआ है। दयारा बुग्याल, डोडीताल, हरकीदून, केदारकांठा में भी एक से दो फिट तक बर्फ गिरी है।