उत्तराखंड-जैसे जैसे लोकसभा चुनाव का वक़्त करीब आ रहा है। वैसे वैसे राजनितिक गलियारे मे सियासी दौर लगातार सरगर्मी पर है। सियासी दौर में एक के बाद एक बड़ी ख़बर सामनें आ रही है। ऐसी ही एक ख़बर उत्तराखंड से सामने आ रही है। मिली ख़बर के मुताबिक उत्तराखंड कांग्रेस को एक बार फिर से झटका लगा है। आपको बता दें कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रहे भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत जयंती के प्रदेश के मुख्य संयोजक. पूर्व दर्जा राज्य मंत्री और वर्तमान में उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गोपाल सिंह रावत ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं जानकारी देते हुए
गोपाल सिंह रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास कार्यों को देखते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश लगातार ऊंचाइयों की ओर जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले काफी दिनों से कांग्रेस पार्टी के नीति और रीतियों में मतभेद देखा जा रहा है जिसके चलते पार्टी हासिये पर चली गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार विकास कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी के नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी और अपने पद पद से इस्तीफा दिया है।लेकिन सूत्रों को अनुसार मिल रही जानकारी के अनुसार कि जल्द ही अपने समर्थकों के साथ वह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करेंगे।गोपाल सिंह रावत के स्थिति के बाद कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से हलचल पैदा हो गई है कांग्रेस के कई नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं ऐसे में गोपाल सिंह रावत के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी पर असर होना स्वभाविक है। गोपाल सिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सबसे करीबी जाते हैं पूर्व में कांग्रेस के कई पदों पर रह चुके हैं। गोपाल सिंह रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है और कश्मीर से धारा 370 हटाया गया है