ब्यूरो सिटी न्यूज़ उत्तराखंड
देहरादून – सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी, जोरासी (अल्मोड़ा वन प्रभाग, अल्मोडा) को प्रभागीय कार्यालय स्तर पर सम्बद्ध किया गया है। सीएस ने जोनल अधिकारी, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं/गढ़वाल एवं वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र को वनाग्नि नियंत्रण कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी द्वारा वनाग्नि की घटनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है।
वनाग्नि की घटनाओं की अद्यतन जानकारी से उच्च स्तर को भी अवगत कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि वनाग्नि नियंत्रण में सक्रिय वन पंचायतों/वनाग्नि प्रबंधन समितियों/महिला मंगल दलों/युवा मंगल दलों की भी मदद ली जाय। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए प्रत्येक जिलाधिकारी को 5 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग जल्द ही छोटे आकार के पानी के टैंकर खरीदेगा, जिसकी मदद से ऊंचे पहाड़ी इलाकों में पोर्टेबल पंप की मदद से आग को आसानी से बुझाया जा सकेगा। आग बुझाने वाले सिलेंडरों की व्यवस्था भी तत्काल की जा रही है। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि जिन स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, वहां दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वन विभाग के अधिकारियों, एसडीएम और स्थानीय पुलिस बल की संयुक्त टीम द्वारा एक एसओपी बनाया गया है। अपर मुख्य वन संरक्षक श्री निशांत वर्मा ने बताया कि वन विभाग मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है और संबंधित अधिकारी फील्ड के लिए रवाना हो चुके हैं।
बैठक में डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव डॉ. रणजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री निशांत वर्मा, सचिव श्री दिलीप जावलकर एवं विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।