उत्तराखंड_पेड़ों के अभाव में तप रही सड़क आखिर कौन है जिम्मेदार

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एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तराखंड – चिलल्ती धूप से जहां आम लोगों को भीषण गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ा रहा है, तो वहीं हाइवे किनारे पर राहत के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, सड़क किनारे लगे भारी भारकम वृक्षों को सड़क निर्माण के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बड़ी बेहरमी से काट दिया जाता है, गर्मी से बेहाल आम जनता के कुछ पल ठंडी छांव देने वाले इन वृक्षों को जड़ से खत्म करने का काम लगातार जारी है, जहां एक तरफ सरकार और प्रशासन वृक्षारोपण के लिए आम जनता को जागरूक करने का काम करतीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ सड़क किनारे खड़े वृक्षों को उजड़ने का काम भी जोर शोर से किया जाता है,अब सवाल यह है कि जब सरकार और प्रशासन इन वृक्षों के साथ पूरी दुश्मनी निभा रही हैं तो आम जनता कैसे वृक्षारोपण के लिए कैसे जागरुक होगी यह एक प्रश्न वाचक सवाल है, दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा हाइवे के निर्माण कार्य के दौरान और चौड़ीकरण कार्य के लिए सड़क किनारे खड़े वृक्षों को जड़ से समाप्त कर दिया जाता है, इसके लिए प्रशासन के आला अधिकारी और वन महकमे के अधिकारी बाखूबी सहमति दे देते हैं,इस दौरान उनके दिमाग में एक सवाल आखिर क्यों नहीं आता है कि अगर सड़क किनारे खड़े वृक्षों को जड़ से समाप्त कर दिया जाएगा तो तपती धूप में राहगीरों को राहत पहुंचाने के लिए भी किसी तरह की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने की जरूरत है, पैदल और दो पहिया वाहनों से चलने वाले लोगों का इसका सबसे बड़ा नुक्सान झेलना पड़ रहा है, जबकि चार पहिया वाहनों से चलने वाले तो एससी में बैठकर अपनी यात्रा को बड़े आराम से पूरा कर लेते हैं,खासी मुसीबत का सामना तो इन दो पहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों को झेलना पड़ता है, इसके अलावा ठेली फंड लगाने वाले भी इस घोर समस्या का सामना कर रहे हैं, आखिर कब सरकार और प्रशासन इसके लिए जागरूक होगा यह एक बड़ा सवाल है।

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