उत्तराखंड की लोक कला लोक संस्कृति की पहचान उत्तरायणी कौतिक महोत्सव – पूर्व सैनिक गोपाल सिंह मेहरा

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सोमेश्वर-(गोविन्द रावत) अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा में पूर्व सैनिक गोपाल सिंह मेहरा प्रेस को जारी बयान में कहा उत्तराखंड की लोक कला लोक संस्कृति की पहचान उत्तरायणी कौतिक है। पौराणिक,घार्मिक व सांस्कृतिक महत्व के उत्तरायणी त्यौहार को भब्य मेलें में शुभारंभ किया जाता है।उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।उत्तरायणी पर्व को उत्तराखंड में बडे – घूम – घाम से मनाया जाता है। जिसमें स्थानीय,लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।उत्तरायणी और घुघुतियां पर्व पर लोगों घुघुतियां की बघाई देते हैं। उन्होंने कहा युवाओं को अपनी संस्कृति को बचाने के लिए इस पर्व में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने चाहिए।उत्तरायणी और घुघुतियां पर्व पर विभिन्न, मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। मन्दिर में श्रद्धालु काफी संख्या में भीड़ उमड़ जाती है। क्योंकि आस्था के प्रति इस त्यौहार को लेकर कई दिनों से तैयारी करते हैं।


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