फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर ले रहा था दिव्यागो की दी जाने वाली सुविधाएं और पेंशन इस तरह पकड़ में आया फर्जी प्रमाण पत्र

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रुद्रपुर- यहां एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बाजपुर जनपद ऊधम सिंह नगर का एक व्यक्ति फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र तैयार कर दिव्यागो को दी जाने वाली सुविधाएं और पेंशन को हासिल कर रहा था। बीते साल 2001 में उक्त प्रमाण पत्र बाजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जारी किया गया था। जिसमें दिव्यागता का प्रतिशत 60 प्रतिशत दर्शाया गया है। और फर्जी प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्ति नाम भी इस तरह लिंखा गया है जैसे कि नर्सरी में पढ़ने वाले किसी बच्चे ने लिखा हो वही प्रमाण पत्र में जिन मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों के हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें भी जमीन आसमान का अंतर है। *ऐसे हुआ संदेह* दरअसल साल 2001 के अप्रैल महीने में केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद रजि उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान किसी कार्य से विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग गये थे।उस दौरान धर्म सिंह पुत्र कर्म सिंह निवासी महोली जंगल पोस्ट भुजवा नगला थाना बाजपुर दिव्यांग दुकान निर्माण योजना के तहत अपना आवेदन पत्र जमा करवाने आया था। जहां वो संबंधित कर्मचारियों से खुद को 60/ प्रतिशत दिव्यागता से पीड़ित बताने की दलील दे रहा था। लेकिन उसके शरीर का कोई भी अंग दिव्यगता से पीड़ित नतर नहीं आ रहा था। कर्म सिंह बिल्कुल स्वास्थ्य और चल फिर रहा है।इस बात को लेकर अध्यक्ष एम सलीम खान को उस पर संदेह हुआ तो उन्होंने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत समाज कल्याण विभाग से उसके आवेदन पत्र में से दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रति मांगी। विभाग ने उसके प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करा दी।जब उन्होंने उसका प्रमाण पत्र अपने प्रमाण पत्र से मिलता तो उसके प्रमाण पत्र में विभिन्न संदेह जनक बातें सामने आई। जिसके बाद उन्होंने सीएमओ कार्यालय को जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पत्र लिखकर उक्त प्रमाण पत्र की सत्य प्रति मांगी और प्रमाण पत्र की जांच पड़ताल कर सूचना उपलब्ध कराने का आवेदन किया। जिसके बाद इस मामले को पूर्व सीएमओ ने गंभीरता से नहीं लिया गया और उन्होंने बाल आई गई कर दी। लेकिन अध्यक्ष एम सलीम खान ने इस मामले में अपील करते हुए डीजी स्वास्थ्य विभाग को सूचना उपलब्ध करने का आवेदन किया। जिसके बाद फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन उन्होंने तमाम कोशिशों के बाद साल 2022-2023-2024 में फिर पत्रचार किया तो साल 2024 में सीएमओ मनोज कुमार पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाजपुर को जांच करने के आदेश दिए। जिसके बाद बाजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने प्रमाण पत्र की जांच पड़ताल शुरू कर दी। जांच रिपोर्ट में उक्त प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी गया। जिसकी रिपोर्ट सीएमओ सहित अध्यक्ष एम सलीम खान को भेजी गई। जिसके बाद मुख्यचिकित्सा अधिकारी मनोज कुमार पांडे ने इस मामले की जांच के एक समिति का गठन किया। समिति ने 7 फरवरी को सीएमओ कार्यालय में संबंधित मामले की जांच के लिए और बयान दर्ज करने के लिए केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद रजि उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान सहित फर्जी प्रमाण पत्र रखने वाले कर्म सिंह पुत्र धर्म सिंह को बुलाया। लेकिन बार बार फोन करने के बाद कर्म सिंह समिति के समक्ष नहीं पहुंचा और अध्यक्ष एम सलीम खान ने अपने बयान दर्ज कराए। जिसके बाद यह बात साफ हो गई है कि उक्त प्रमाण पत्र फर्जी है उस पर जो हस्ताक्षर किए गए हैं वो भी फर्जी है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाजपुर के वरिष्ठ चिकित्सक अधिकारी का कहना है जिन चिकित्सकों के हस्ताक्षर प्रमाण पत्र में दर्ज है उस समय उनकी तैनाती वह थी नहीं प्रमाण पत्र पर जो मोहर लगाई है वो भी अलग है। जिसके बाद इस मामले में मुख्यचिकित्सा कार्यलय द्वारा कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो कर्म सिंह की साली लक्ष्मी द्वारा दिव्यागो से धन ऐठ कर उन्हें फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहा है। बाजपुर के रहने वाले एक दिव्याग व्यक्ति के अनुसार लक्ष्मी और कर्म सिंह निशक्तजनो को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ठगते हैं। उनके जाली दस्तावेज तैयार कर सरकार और प्रशासन को ठगने का काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनका एक बड़ा गिरोह है, जो लोगों को लालच देकर उनसे रुपए ऐंठने का काम करता है।इस मामले में जिला समाज कल्याण विभाग से सूचना मांगी गई है कि क्या विभाग द्वारा कर्म सिंह को पेंशन दी जाती है। जिसके बाद इस मामले आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद रजि उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान का कहना है कि कर्म सिंह फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले चुका है। उसके द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद ली गई है। उन्होंने कहा कि जब मैंने इस मामले में कार्रवाई की तो कर्म सिंह और उनकी साली लक्ष्मी ने मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों को झूठे शिकायती पत्र देकर गुमराह किया गया। लेकिन मैं हर जांच में सही साबित हुआ। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में स्वास्थ्य महकमे में गंभीरता नहीं दिखाई तो शासन और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से पत्रचार किया जाएगा। लेकिन दिव्यागो का हक हड़पने वाले कर्म सिंह को बक्शा नहीं जाएगा। जांच समिति में डा गुप्ता बाजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एसीएमओ, दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी सतीश चौहान, केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद के अध्यक्ष एम सलीम खान सहित अन्य उपस्थित थे ।

अंजलि जोशी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट


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