
रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) अपने शातिराना अंदाज में एक बार फिर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कांग्रेसियों के किले में विस्फोट कर दिया, और उनके इस बयान से कांग्रेस की पोल खुल कर सामने आ गई है,, ।
हालांकि हम उनके इस बयान को सच्चाई से परे मानते हैं और उनके इस बयान का बिल्कुल समर्थन नहीं करते लेकिन पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के इस बयान ने कांग्रेस के नेताओं को संदेह के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया,दर असल निकाय चुनावों में रुद्रपुर नगर निगम की मेयर की सीट के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
कि कांग्रेस उन्हें या उनके भाई संजय ठुकराल को कांग्रेस के टिकट पर मेयर का उम्मीदवार बनाए इसके लिए पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल कांग्रेस के आला नेताओं के संपर्क में हैं और बहुत से मीडिया चैनल पर उन्हें ही कांग्रेस का मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है,यह तक की कुछ मीडिया चैनलों पर उनकी टिकट पक्की भी कर दी है, इसी बीच ठुकराल ने बीते रोज एक सोशल मीडिया पर दिए गए बयान में जो कुछ भी कहा वे हैरतअंगेज है।
उन्होंने कहा कि रुद्रपुर में कांग्रेस की दशा दयनीय है और कांग्रेस के नेताओं की नाकामी इस बात से उजागर हो गई कि विधानसभा से लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जो गत हुई वह किसी से छुपी नहीं हुई है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अपने ही नेता लोकसभा चुनाव में नैनीताल ऊधम सिंह नगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी को करारी शिकस्त दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं, उन्होंने साफ कहा कि मैं जानता हूं।
कि कांग्रेस के नेताओं के महंगे खर्च कौन उठा रहा है, कांग्रेस के नेता कहां से फंडिंग पर अपने महंगे शौक पूरे कर रहे हैं, उनके इस बयान से कांग्रेसी खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है और कांग्रेस के किसी भी नहीं नेता ने उनके इस बयान का खंडन नहीं किया है, जिससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस कमेटी रुद्रपुर में भाजपा की फंडिंग पर गुजर बसर कर रही है और अंदरुनी तौर कांग्रेस के किले की बुनियादों को खोखला कर में अहम भूमिका निभा रही हैं।
यहां एक बात बताना बहुत जरूरी है कि कांग्रेस में जब से कथित मठाधीशों की ताजपोशी हुई है कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो गया, इसके लिए और कोई नहीं बल्कि कांग्रेस के वे नेता हैं जिन्होंने आज तक कांग्रेस में जमीनी स्तर के नेताओं को नज़र अंदाज़ कर आलू और टमाटर की भर्ती की है, इन आलू टमाटरों के पास राजनीति का जरा सा भी अनुभाव नहीं है सिर्फ फोटो खींचवाने तक सिमटा गए हैं, कांग्रेस के उत्तराखंड के आलाकमान करन मेहरा ने बिना किसी गहन विचार विमर्श के ऐसे लोगों को कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंप दी जिन्हें न तो कोई राजनिति का खास अनुभव है।
और न ही सटीक रणनीति तैयार करने का अंदाजा फिर भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने ऐसे सिपाहियों की भर्ती पर तवज्जो दी, वहीं बीते चुनाव में हार से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने सबक नहीं लिया कांग्रेस में ऐसे ऐसे लोगों की भर्ती कर दी गई जो अच्छी तरह कांग्रेस का इतिहास तक नहीं जानते हैं, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के इस बयान से एक बात तो साफ है कि कांग्रेस के मठाधीशों द्वारा कांग्रेस को कमजोर बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है और वो सत्ता पक्ष के नेताओं के दोस्ती में दर्रे नहीं डालना चाहते हैं।
फिर चाहे आम जनता का हश्र कुछ भी हो जाए लेकिन वो अपनी दोस्ती को बरकरार रखने के पक्ष में है,हाल ही में एक ऐसा मामला कांग्रेस के पास था जिसे लेकर कांग्रेस राजनीति हल्के में हलचल मचा सकती थी और वो मामला था लंबे अर्से से शहर के गांधी पार्क में आमरण अनशन पर बैठे डोल्फिन कंपनी मजदूरों का इस अवसर मे कांग्रेस के मठाधीशों ने न इतालली दिखाई हां यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने अपने फर्ज को बा खूबी निभाया, उनके अलावा पूर्व दर्जा मंत्री हरीश पनेरु ने कांग्रेस की ओर से शिरकत अदा की और कांग्रेस नेत्री श्रीमती मीना शर्मा ने भी इन श्रमिकों को समर्थन दिया।
लेकिन जिन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई उन्होंने इन श्रमिकों को न्याय दिलाने में कोई सतर्कता नहीं दिखाई और ऐसी रुमों में बैठकर तमाशा देखते रहे हैं, कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने तो कांग्रेस को चिंता पर लिटा दिया और अब दावेदारों के साथ फोटो सेशन में बखूबी अपनी बट बना रहे हैं,ये ही हाल है कांग्रेस कमेटी के महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा का सीपी जाने किस मुह से मेयर का दावा कर रहे हैं आखिर वो क्यों भूल गए कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी को उनकी बूथ से जो वोट मिले थे उनसे उनकी कलाई खुलकर सामने आ गई, और अब फिर से वो कांग्रेस को गर्त में धकेलने का काम कर रहे हैं, यहां बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस के गिरते स्तर को कांग्रेस नेताओं उभारने के लिए कौन सी रणनीति तैयार कर रहे हैं ये अभी तक गर्भ में है।
यहां बताते चलें कि जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर कांग्रेस कमेटी में किसी भी बड़े मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दी गई है और आज तक आम चुनावों में कांग्रेस ने किसी भी मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाने से बचती चली आ रही है,आज तक कांग्रेस ने किसी भी मुस्लिम चेहरे को उच्च जगह नहीं दी है और महज ऐसे मुस्लिम चेहरों को महज जगह दी जिनकी मुस्लिम समाज में मजबूत पकड़ नहीं है और उन्होंने हमेशा मुस्लिम समाज को बेचने का कारोबार किया है, वहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष श्रीमती नसरीन कुरैशी ने अपने दम पर पालिकाध्यक्ष का चुनाव जीता उस समय भी कांग्रेस ने नसरीन कुरैशी को टिकट नहीं दिया था।
और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पालिकाध्यक्ष का चुनाव लडा और अपनी जीत दर्ज कराई थी, उसके बाद उन्हें कांग्रेस ने चाल चल कर कांग्रेस कमेटी में शामिल कर लिया, कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम समाज को अपना शिकार बनाया है और उनके वोटों को भुनाने का कारोबार किया है, लेकिन इस बार कांग्रेस से मुस्लिम समाज का मौह भंग होता दिखाई दे रहा है, अगर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अब भी इस मुद्दे पर गौर नहीं किया तो कांग्रेस का पतन निश्चित है।

