
नगर आयुक्त नगर निगम द्वारा खनन माफियाओं की करतूतें फिर आई सामने
पूर्व सभासद रामबाबू ने उठाए सवाल बोले किस सफेद पोश नेता की शह पर चल रहा है खनन का गोरखधंधा
रुद्रपुर – राज्य सरकार द्वारा तत्कालीन नगर पालिका परिषद रुद्रपुर मौजूदा नगर निगम रुद्रपुर को 1989 एकड़ सरकारी नजूल भूमि केयरटेकर के तौर देख रेख चौकीदारी करने के लिए दी गई थी,इस भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार का है,ना कि नगर निगम रुद्रपुर का, शासनादेश एवं नजूल मैनुअल के मुताबिक नगर निगम रुद्रपुर अपने स्तर से इस भूमि पर ना तो किसी भी तरह का कोई निर्माण करवा सकता है और ना ही इसे खुर्द बुर्द कर सकता हैं?
लेकिन निरंकुश नगर आयुक्त नगर आयुक्त रुद्रपुर द्वारा किच्छा को जानें वाले बाईपास रोड पर स्थित बी एच ई एल के पूर्वी हिस्से सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के दक्षिण में रिक्त 15 एकड़ सरकारी जमीन जिसकी वर्तमान में बाजार की कीमत करीबन 15 से 20 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है, इस भूमि को नंगर निगम रुद्रपुर द्वारा अपने पक्ष में ना तो वर्तमान में फ्री होल्ड कराईं है और ना हीं एलोट करवाईं है,
मौजूदा नगर आयुक्त रुद्रपुर इसी भूमि के करीबन दो एकड़ भाग पर खनन माफियाओं से करोड़ों वारे-न्यारे कर 15 फीट गहरा खुदान करवा कर अरबों रुपए की सरकारी मिट्टी को बेच खाया है, जिससे आधा एकड़ जमीन को कूड़े से पटवा कर अपनी काली करतूत पर पर्दा डालने कि कोशिश कर रहे हैं,जो नगर आयुक्त के भ्रष्ट होने का पुख्ता प्रमाण है, नगर आयुक्त को जानकारी होनी चाहिए कि मिट्टी एवं बालू खुदान के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति ली जाना अनिवार्य है, जिसमें रियल्टी भी जमा होती है उसका उल्लेख किया जाता है, लेकिन भ्रष्टाचार में अखंड तक डूबे नगर आयुक्त खुद के नियम लागू कर बड़े बड़े घोटाले को अंजाम पहुंचा रहे हैं,जो नगर निगम बोर्ड के आखिरी बोर्ड बैठक के 112 कामों में से करोड़ों रुपए के 56 फर्जी टेडर निरस्त भी हुए हैं,इन के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का पुख्ता प्रमाण है,यह आरोप पूर्व पालिका सभासद रामबाबू ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में लगाएं है।
संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट

