14वें दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे डोल्फिन कंपनी के मजदूर दो महिलाओं ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी जारी रखा आमरण अनशन

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रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) डॉल्फिन कंपनी सिडकुल पंतनगर (उत्तराखंड) की चार स्थाई महिला मजदूरों के नेतृत्व में गाँधी पार्क रुद्रपुर में चल रहा आमरण अनशन आज चौदहवें दिन भी जारी रहा।

चार महिलाओं में से दो महिलाऐं प्रेमवती और पुष्पा का गाँधी पार्क रुद्रपुर में और पिंकी गंगवार और कृष्णा देवी का आमरण अनशन जिला अस्पताल रुद्रपुर में जारी है। पुष्पा और प्रेमवती की स्थिति चिंताजनक बनी हुईं है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका विगत चार दिनों से मेडिकल परिक्षण भी नहीं किया गया है। जो कि अनशन कारी महिलाओं के प्रति शासन प्रशासन की घोर लापरवाही का खुला प्रदर्शन है। पुष्पा और प्रेमवती के साथ कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार ने कहा कि कल 4 नवंबर 2024 को हमारे आमरण अनशन स्थल पर विभिन्न किसान यूनियनों, ट्रेड यूनियनों,

राजनितिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथी प्रातः 11 बजे से सामूहिक क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। आंदोलन के साथ में एकजुटता दिखाई जायेगी। रणनीति बनाकर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी

डॉल्फिन मजदूर संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि आमरण अनशन पर बैठी पुष्पा और प्रेमवती सगी बहनें हैं। दिनों डॉल्फिन कंपनी की स्थाई मजदूर थीं। 27 मार्च 2024 को उनके पिताजी का अचानक देहांत हो जाने के कारण वो उनके दर्शन करने को अपने मायके गईं।

5 दिन बाद वापस काम पर लौटी तो कंपनी मालिक प्रिंस धवन ने उनके प्रति सहानुभूति दिखाने के स्थान पर अमानवीयता और क्रूरता दिखाते हुए उनका गेट बंद कर रखा है। ऐसे 48 मजदूरों का भी अवैध गेटबंदी कर रखी है।

हजारों स्थाई मजदूरों को ठेके के दलदल में धकेल दिया है।कानून के अनुसार न्यूनतम वेतन और न्यूनतम बोनस की मांग करना डबल इंजन की सरकार में बहुत बड़ा गुनाह बन चुका है।श्रम विभाग, जिला प्रशासन और श्रम मंत्री कंपनी मालिक प्रिंस धवन की ढाल बने हुए है।

डॉल्फिन मजदूर संगठन की कमलेश पिंकी ने कहा कि भाजपा आरएसएस की सरकार में बेटियों द्वारा अपने माता के अंतिम दर्शन करना बहुत बढ़ा गुनाह बन चुका है। उन्हें ऐसा करने का कोई हक नहीं है। यदि ऐसा ना होता तो डबल इंजन की सरकार पीड़ित पुष्पा और प्रेमवती के साथ में ख़डी होती।

और उन्हें आमरण अनशन पर नहीं बैठना पड़ता। डबल इंजन की सरकार में अपने पिताजी के अंतिम दर्शन करने को छुट्टी लेने वाली बेटियों को नौकरी से निकाल देने की उक्त घटना शर्मनाक है। इससे भी ज्यादा शर्मनाक घटना डबल इंजन की सरकार द्वारा बेरहम कंपनी मालिक को संरक्षण देना है।

आज हम अनशनकारियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के कुक्कू विर्क, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, ठेका मजदूर कल्याण समिति के सुरेंद्र, इंटरार्क मजदूर संगठन के अजय कटियार, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा ) के दिनेश चंद्र आदि साथी हमारे बीच आये और हमें समर्थन दिया। साथ में रजनी, अर्चना, सीमा देवी, रामश्री, प्रभा रानी, ममता,कंचन,रामबेटी, राजू लाल, हरपाल, संजीव, शिवम, अजय सहित सैकड़ों मजदूर साथी उपस्थित रहे।


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