
मुरादाबाद/हरदोई यूपी – हरदोई जेल में बंद पूर्व विधायक अब्दुल्लाह आज़म खां की मुश्किलें और भी बढ़ गई है। जिसके बाद रातों की नींद उड़ गई है । अब्दुल्लाह आज़म खां को मुरादाबाद जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत से एक ओर झटका लगा है। कोर्ट ने अब्दुल्लाह आज़म खां की दो जन्म तिथि 1990- और 1993 के मामले में 1993 की जन्म तिथि को सही मानते हुए अपना फैसला सुनाया है। अब्दुल्लाह आज़म अपनी 1990 की जन्म तिथि को सही बता रहे थे। लेकिन अदालत ने सभी गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों की दलीलें की बहस के बाद अपना फैसला सुनाया और 1993 की जन्म तिथि को सही मानते हुए अपना फैसला सुनाया। कोर्ट के इस फैसले के शासकीय अधिवक्ता नितिन गुप्ता ने बताया कि जिला जज मुरादाबाद ने जो फैसला अब्दुल्ला आज़म की उम्र निर्धारण में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में यहां आया था। उसमें जजमेंट दिया है।दो डेट आफ बर्थ का मामला था। अब्दुल्लाह 1990 की जन्म तिथि क्लेम कर रहे थे। एक जन्म तिथि 1993 की थी। दोनों जन्म तिथि में से अदालत ने 1993 की जन्म तिथि को सही मानते हुए जजमेंट दिया है। इस मामले में जिला जज ने इनकी मां का बयान लिया, सेंटपाल स्कूल के प्रिंसिपल का बयान लिया ,नगर निगम लखनऊ और जिला अस्पताल में इनका पैदा होना बताया गया। वहां से रिकार्ड तलब करके उनके बयान लिए गए थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 1993 की जन्म तिथि को अदालत ने सही मानते हुए जजमेंट कर दिया।अब इस फैसले की कापी सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इस मामले में अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को देना है। मां तंजीम फातमा बोली सुप्रीम कोर्ट से मिलेगा खां साहब और बेटे को इंसाफ सपा के कद्दावर नेता आजम खां और अब्दुल्लाह आज़म खां की मां ने जन्म तिथि पर फैसला आने के बाद कोर्ट से बाहर जाते हुए पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का कोई ठोस जवाब तो नहीं दिया हा इतना जरूर कहा कि खां साहब और बेटे अब्दुल्लाह को सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिलेगा। उन्होंने एक इस सवाल के जवाब कि आगे वह क्या कदम उठाने जा रही है तो उन्होंने कहा कि हमारे लायर इस मामले में काम रहें हैं। यह कहकर वो गाड़ी में बैठ कर चली गई।
संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट

