क्षेत्रवासियों ने उठाई गौला नदी तटबंध एवं चेकडैम की जांच सार्वजनिक करने की मांग, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की गुहार

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लालकुआं – (ज़फर अंसारी) किसानों की जमीनों को बचाने के लिए गौला नदी किनारे करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए तटबंध और चेकडैम बीते दिनों की बरसात में क्षतिग्रस्त होकर बह गए। इसके साथ ही नदी किनारे बसे किसानों की कई एकड़ उपजाऊ भूमि भी नदी में समा गई। इस घटना के बाद क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने शासन-प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तटबंध और चेकडैम निर्माण में मानकों और गुणवत्ता की अनदेखी की गई, जिससे करोड़ों रुपये पानी में बह गए। लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया और सरकारी धन की बंदरबांट की। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव में किया गया। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और जांच को सार्वजनिक करने की मांग की।

इसी मौके पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी और युवा कांग्रेस नेता हेमवती नंदन दुर्गापाल ने भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर साल करोड़ों रुपये से तटबंध बनाए जाते हैं, लेकिन वे हर साल नदी में बह जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, मगर हल्की सी बारिश में ही तटबंध और चेकडैम बह जाते हैं, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही का साफ सबूत है।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इस मुद्दे को पूर्व में भी कांग्रेस द्वारा जोरदार तरीके से उठाया गया था, जिस पर नैनीताल जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे। मगर आदेश को एक माह बीत चुका है और जांच जस की तस पड़ी हुई है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की कि जांच जल्द पूरी कर उसे सार्वजनिक किया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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