आखिर कौन है कांग्रेस को खत्म करने की साज़िश का मुख्य सूत्रधार,एक विशेष राजनीति दल को किया जा रहा मजबूत,कांग्रेस की बुनियादों को खोखला किया जा रहा

ख़बर शेयर करे -

(लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में भगदड़ का सिलसिला जारी)

(उच्चा कद रखने वाले बेहड को कमजोर करने का षड्यंत्र)

(जिम्मेदार आला नेताओं की चुप्पी बेहद घातक)

(पार्टी आलाकमान भी अलग थलग नजर आ रहे हैं)

एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तराखंड – लोकसभा चुनाव 2024 कांग्रेस के लिए खासी मुसीबत बन गए हैं, उत्तराखंड में लगातार कांग्रेस की कश्ती में एक बाद एक बड़े बड़े छेद होते जा रहा है, कांग्रेस का जहाज़ डूबने की कगार पर पहुंच गया है, वहीं कांग्रेस के दिग्गज इन छेदों को भरने में नाकाम साबित हो रहे हैं, कांग्रेस के मुकाबले में भाजपा का जहाज़ में कांग्रेस संवारी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस अपने यात्रियों को एक जुट करने में काफी हद लगातार फेल हो रही है,

कांग्रेस के नेतृत्व को लगातार चुनौती दी जा रही है, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार प्रकाश जोशी भी डूबते हुए जहाज़ पर सवार हो गए हैं, लेकिन उनकी ही पार्टी के सुरामाओ द्वारा अंदरुनी तौर पर उनके खिलाफ जहर उगला जा रहा है, मतदान को महज दो दिन बाकी हैं, और प्रकाश जोशी इन सभी क्रियाकलापों से मुंह मोड़ कर अपने प्रचार प्रसार में व्यस्त हैं, वहीं कांग्रेस के लिए कमर तोड मेहनत करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड भी इस षड्यंत्र पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, लेकिन उनके सामने बहुत सी दिक्कतें आ रही है, दरअसल जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर कांग्रेस कमेटी के पुनः गठन के दौरान बेहड की राय शुमरी कांग्रेस के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रही है,इस गठन को लेकर उन्होंने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी,

इसमें कोई दो राय नहीं है कि तिलक राज बेहड के पास तजुर्बे की कोई कमी है, उन्होंने गुजरे अलग-अलग चुनावों में भाजपा के बहुत से दिग्गजों को धुल चटाई थी,बेहड का राजनीतिक सफर रुद्रपुर की गांधी कालोनी से शुरू हुआ था, उन्होंने सबसे पहला सभासद का चुनाव इसी कालौनी से लड़ा और जीत दर्ज कराई थी, उसके बाद उनका यह सफर लगातार जारी रहा है, सभासद से बेहड विधानसभा तक जा पहुंचे और फिर उत्तराखंड में बडी बडी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया था, लेकिन मौजूदा वक्त में उन्हें कांग्रेस ने जिला में कांग्रेस कमेटी के गठन के दौरान उनकी अनदेखी आज कांग्रेस को भारी पड़ रही है,करन मेहरा ने प्रदेश कांग्रेस की कामना संभाली तो उन्होंने बिना बेहड की राय जानने बिना जिला कांग्रेस कमेटी की भागदौड़ जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा को सौंप दी और महानगर अध्यक्ष की कुर्सी सीपी शर्मा के हवाले कर दी,जिसका खामियाजा आज कांग्रेस भुगत रही है।

कांग्रेस का सबसे कमजोर अंग है हिमांशु गावा

जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा कांग्रेस के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रहें हैं,खुद कांग्रेसी नेता ही उनके किरदार पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के कुछ जमीनी नेताओं का आरोप है कि हिमांशु गावा एक दिमक की तरह पूरी कांग्रेस को चाट गये, आरोप है कि हिमांशु गावा एक राजनीतिक संगठन को विशेष तौर पर मजबूत करने का षड्यंत्र रचा रहे हैं, उनकी औछी मानसिकता से कांग्रेस को छोड़कर जाने का सिलसिला शुरू हो गया था,जो आज तक जारी है, हिमांशु गावा ने जिलाध्यक्ष बनाने के बाद किसी तरह की अहम भूमिका नहीं निभाई बल्कि अपने एयर कंडीशनर कक्ष में बैठकर महज फोटो खिंचवाने के तक सिमित रहें,एक कांग्रेस नेता ने तो यहां तक कहा कि हिमांशु गावा जिलाध्यक्ष बनाने के लायक नहीं थे बल्कि उन्होंने तो अपनी मजबूत पकड़ को दर्शाते हुए बे वजह अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया, उन्होंने यह भी कहा कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद हिमांशु गावा गलतियों पर गलतियों करते रहे, जिले की कामना संभालने के बाद उन्होंने संगठन विस्तार में बड़ी लापरवाही बरती और हकीकी कांग्रेसियों को दर किनार कर दिया, उन्होंने नये चेहरों को अपनी टीम में शामिल किया जो बेहद कमजोर और बेतर्बुजेकार है, ऐसे लोगों को जिला कांग्रेस कमेटी में उम्दा पदों से नवाजा गया जो लोग इन पदों के लिए कबील थे उन्हें अनदेखा कर दिया गया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आस्था रखने वाले की कोई कमी नहीं है, बल्कि उन्हें एक मजबूत और तजुर्बेकार नेतृत्व की जरूरत है, कांग्रेस में शामिल होने वाले लोगों का स्वागत है लेकिन उन्हें सीधे तौर पर पदो पर विराजमान करना बेहद लापरवाही भरा कदम है,

उन्होंने कहा पिछले पांच दशकों से कांग्रेस का सिपाही हूं लेकिन आज तक पद का मोह नहीं किया, कांग्रेस का हर कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए पदाधिकारी से ज्यादा अहमियत रखता है, उन्होंने कहा कि विधायक तिलक राज बेहड, यशपाल आर्या और करन मेहरा को इस मसले पर गहराई से अध्ययन करना चाहिए, ताकि पार्टी में स्थिरता बनी रहे, उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी के चुनाव पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि भाजपा की औछी सोच और खरीद फरोख्त का यह एक बड़ा परिणाम है कि किस तरह भाजपा चुनाव जीतने के लिए तरह तरह की साज़िश रचती है, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जिस तरह भाजपा के षड्यंत्र का खुलासा हुआ और देश के सर्वोच्च न्यायालय ने जमकर भाजपा की क्लास ली यह सब जग जाहिर है, हमें यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि भाजपा देश को तबाही की ओर खचेड रही है और कांग्रेस देश को विकसित करने और आपसी सद्भाव भाईचारे की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है,आम आदमी भी भाजपा की जन विरोधी नीतियों से प्रभावित होकर कांग्रेस की ओर देख रहा है। हमें भरोसा है कि इस बार बडा बदलाव होने जा रहा है।


ख़बर शेयर करे -