हल्द्वानी-भाकपा (माले) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन शुरू……

ख़बर शेयर करे -

हल्द्वानी-मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को रौंदने वाली सरकार है। राजा बहुगुणा उद्घाटन सत्र का समापन संविधान की प्रस्तावना पढ़कर हुआ सम्मेलन जारी है भाकपा (माले) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन हल्द्वानी के एक बैंकट हॉल में शुरू हुआ। सम्मेलन स्थल का नाम- कॉमरेड चंद्र सिंह गढ़वाली नगर, सभागार कॉमरेड दीपक बोस सभागार और मंच का नाम कॉमरेड मान सिंह पाल – कॉमरेड के.पी. चंदोला मंच रखा गया है।

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा माले के केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि, मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को रौंदने वाली सरकार है। यह सरकार लोकतंत्र को जेब में रख कर संविधान को किनारे करने की नीति पर चल रही है। इसीलिए 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस के ऊपर 22 जनवरी को तरजीह देकर गणतंत्र का मखौल बनाने का काम कर रही है। लेकिन साथ ही लोकतन्त्र और संविधान बचाने के लिए पूरे देश में जन गोलबंदी हो रही है इसलिए इस बार की छब्बीस जनवरी के गणतंत्र दिवस का विशेष महत्व है।” उन्होंने कहा कि, “2024 के चुनावों में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना आज का सबसे जरूरी कार्यभार है। तमाम लोकतांत्रिक संगठनों और लोगों को इसके लिए कमर कसनी होगी। राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया गठबंधन को नीचले स्तर तक ले जाने की जरूरत है और मोदी सरकार को 2024 में आने से रोकने के हरसंभव प्रयास करने होंगे।

ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी ने कहा, आरएसएस भाजपा को हमेशा ही धर्मनिरपेक्ष शब्द से ऐलर्जी रही है। जब से संविधान की भूमिका में इस शब्द को स्पष्ट रूप में जोड़ा गया था, तभी से आरएसएस धर्मनिरपेक्षता का विरोध करता रहा है।धर्म को राजनीति से अलग रखने, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप से राज्य को अलग रखने और धार्मिक मठाधीशों को राज्य के मामलों में हस्तक्षेप से दूर रखने का विचार आधुनिक गणतंत्र का केन्द्रीय तत्व है। यह भारत जैसे बहुधार्मिक बहुसांस्कृतिक देश में लोकतंत्र के लिए और भी जरूरी हो जाता है। मोदी सरकार भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक व्यवस्था को कमजोर करने के लिए हर सम्भव तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। धर्म को राजनीति से अलग करने के विपरीत हम देख रहे हैं कि धर्म का राजनीति के साथ घालमेल किया जा रहा है। जो देश हित में नहीं है।

सीपीआई के राज्य सचिव जगदीश कुलियाल ने कहा कि, वामपंथी एकता को मजबूत करके जनता में व्यापक अभियान चलाते हुए ही भाजपा की फासीवादी सरकार को पीछे धकेला जा सकता है।

नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन साह ने भाकपा माले के राज्य सम्मेलन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ वाम और लोकतांत्रिक शक्तियों की एकजुटता वक्त की मांग है। इसके लिए हम सब सम्मिलित रूप से प्रयास करेंगे।

अंबेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा ने कहा कि मोदी सरकार ने संविधान को दरकिनार कर तमाम संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर सारी सत्ता अपने हाथ में ले ली है।

किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि, 26 जनवरी 1950 से लागू भारत के संविधान में निहित मूल्यों और उद्देश्यों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। आगामी गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 पर आधुनिक भारत के संविधान को पुर्नस्थापित करने की चुनौती हमारे लिए सबसे बड़ी है। गणतांत्रिक भारत केवल और केवल एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के रूप में जिन्दा रह सकता है। 26 जनवरी को एक स्वतंत्र गणराज्य की स्थापना के अवसर पर उसी सपने को पूरी शक्ति, साहस और दृढ़निश्चय के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा।

भाकपा माले के उत्तराखण्ड राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, भाजपा का सांप्रदायिक फासीवादी बुलडोजर देश में न्याय संविधान और लोकतंत्र को कुचलने पर उतारू है. यह चुनौती है कि देश में लोकतंत्र और संविधान रहेगा, नागरिकों के हक- अधिकार रहेंगे या भाजपा का कॉरपोरेट परस्त उन्मादी राज रहेगा.

उत्तराखंड में डबल इंजन की डबल लूट चल रहा है. उत्तराखंड के संसाधनों और रोजगार की लूट बेखटके डबल इंजन की सरकार चला रही है. इसके खिलाफ वाम- जनवादी ताकतों को एकजुट हो कर संघर्ष करना चाहिए।उद्घाटन सत्र का समापन संविधान की प्रस्तावना पढ़कर हुआ। सम्मेलन जारी है।

उद्घाटन सत्र में माले केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन राजा बहुगुणा, सीपीआई के राज्य सचिव जगदीश कुलियाल, एक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी, नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन साह, अंबेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा,माले पोलित ब्यूरो की ओर से राज्य प्रभारी संजय शर्मा, ऐपवा नेता विद्या रजवार, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की अध्यक्ष दीपा पांडेय, एआइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक गिरिजा पाठक, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, वन गुर्जर नेता निक्का, सद्भावना समिति उत्तराखंड के अजय जोशी, ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, प्रदेश महामंत्री के के बोरा, किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद नेगी, उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, आइसा के जिलाध्यक्ष धीरज कुमार, चंद्रशेखर भट्ट, एडवोकेट कैलाश जोशी, दुर्गा सिंह मेहता, श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, उधम सिंह नगर के माले जिला सचिव ललित मटियाली, ऐक्टू जिलाध्यक्ष जोगेंद्र लाल, प्रकाश फुलोरिया, भुवन जोशी, आनंद सिंह सिजवाली आदि मुख्य रूप मौजूद रहे।


ख़बर शेयर करे -