लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्र में तेजी से फैलता लोहे आदि के कबाड़ का धंधा, बिना रजिस्ट्रेशन और वैध पेपरों के चल रहा है अवैध कारोबार

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लालकुआँ – (जफर अंसारी) इनदिनों लालकुआँ में कबाड़ खरीदने और बेचने वाले कारोबारियों की बाढ़ सी आ गई है। जिधर देखो कबाड़ का कारोबार करने वालों की दुकानें और गोदाम दिन व दिन बढ़ते ही जा रही हैं।

जानकारी के मुताबिक लालकुआँ नगर में नेशनल हाईवे, ट्रांसपोर्ट नगर, संजय नगर हाथीखाना, एवं इसके आसपास हल्दूचौड़ से लेकर तीनपानी तक के क्षेत्र में दर्जनों कबाड़ियों की दुकानें हैं। जिनमें लोहे से लेकर प्लास्टिक व प्रतिबंधित पन्नी तक बेरोकटोक खरीदी और बेची जा रही है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई कबाड़ी अपनी दुकानों में दो पहिया से लेकर बड़े वाहन तक काटकर उन्हें बेचने का काम कर रहे हैं। जिनमें तमाम वाहन ऐसे भी होते हैं जिनके वैध पेपर तक नहीं होते हैं या चोरी के होते हैं जिन्हें कबाड़ी सस्ते में खरीदार स्क्रेप में बेच देते हैं।

सूत्रों के मुताबिक अधिकांश कबाड़ का कारोबार करने वाले कई सरकारी विभागों समेत आसपास की निजी फैक्ट्रियों का लोहा भी चोरी छिपे खरीदने बेचने का धंधा कर रहे हैं।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना किसी वैध पेपरों के और बगैर परिवहन विभाग की अनुमति के क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर लोहा आदि खरीदने और बेचने का काम कैसे और किसकी मिलीभगत से चल रहा है। जबकि कई मामलों में क्षेत्र में कबाड़ कारोबार करने वाले चोरी का माल खरीदने में पकड़े भी जा चुके हैं।

बताते चलें कि लालकुआँ में एशिया की सबसे बड़ी पेपर मिल के साथ साथ रेलवे जंक्शन भी जिसके चलते यहां बड़ी मात्रा में लोहे का भंडारण रहता है। जिसके चलते संभावना जताई जा रही है कि लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्रों में अधिकांश कबाड़ के कारोबारियों के अवैध रूप से उक्त संस्थानों का लोहा भी चोरी छिपे खरीदकर बेचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि उक्त कबाड़ियों द्वारा लोहा आदि खरीदे और बेचे जाने का अधिकांश काम बगैर रजिस्ट्रेशन और बिना पेपर के किया जा रहा है।

क्षेत्रीय जनता ने लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्रों में तेजी से पनप रहे कबाड़ कारोबारियों की पुलिस प्रशासन से जांच किए जाने की मांग की है।


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